बैन पटाखों पर या दीवाली पर !
कोरोना काल चल रहा है और हर जगह क्या करना है और क्या नही उसी को लेकर हर राज्य सरकार अपनी अपनी गाइड लाइन ( दिशा निर्देश) दे रही है ।
अब कुछ
सरकारों ने आदेश दिया है कि 31 दिसम्बर तक किसी भी प्रकार के पटाखे फोड़ने या बेचने
के ऊपर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया । पर गंभीर और सोचने वाली बात है कि उनका मानना है
कि पटाखों के कारण ज्यादा कोरोना फैलता है । उसी कड़ी में राजस्थान की हिन्दू
त्योहारों के विरोधी अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार ने इस दीवाली पर पटाखे बेचने पर
10000 रुपये तक का जुर्माना और फोड़ने पर 2000 तक का जुर्माना रखा है । ये आदेश
सिर्फ 31 दिसम्बर तक है उसके बाद ये पटाखे 1 जनवरी को फोड़े जायेंगे जिससे कोरोना
दूर भागेगा और वायु एकदम स्वच्छ हो जाएगी । नेताओ के चुनाव जीतने पर फोड़े जाने
वाले पटाखे से भी वायु प्रदूषण नही होता और न ही उनके द्वारा रैलियों की भीड़ और
फोड़े जाने वाले पटाखे से कोरोना बढ़ता है। उनका दीवाली पर यह आदेश दिखाता है
कि वो सरकार कितनी हिन्दू विरोधी है । इसी सरकार ने ईद को मनाने के लिए लॉक डाउन
में ढील दी थी क्योंकि यह बकरे काटने का दिन था और एक विशेष समुदाय को खुश करने का
दिन भी ।
अशोक
गहलोत के साथ साथ अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हिन्दुओ की
भावना का ख्याल नही रखा । और लगा दिया बैन। पटाखे बैन दिवाली पर नही पटाखे बैन अगर
करने है तो बनाने पर करना चाहिए था । बेचने और फोड़ने से सिर्फ इस दिवाली पे रोकना
जजिया टैक्स कानून की तरह है जो बहुत ही शर्मनाक है ।
अशोक
गहलोत जी के लिए दो लाइन
जहां हर दिन
सिसकना है जहां हर रात गाना है !!
अशोक गहलोत की
सरकार एक तवायफ का घराना है !!
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