26/11 और कांग्रेस की हिन्दू आतंकवाद की थियोरी


 जब देश में यूपीए सरकार का शासन था तब मनमोहन सरकार में हर दिन के समाचार में सुनने और देखने को मिलता था कि आज यहाँ धमाका हुआ है आज वहाँ गोली चली । 26 नंवबर 2008 का मुम्बई में जब पाकिस्तान में स्थित एक इस्लामिक आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 सदस्यों ने मुंबई में बम विस्फोट और गोली बारी करके 155 से ज्यादा मासूम हिंदुस्तानी और विदेशी लोगो को मौत के घाट उतार दिया। कई बुरी तरह से जख्मी हुए थे।इसी हमले में कई वीर सैनिकों और सशस्त्र बलों के योद्धाओं को अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी परन्तु कांग्रेस का हाथ , जेहादियों के साथ ये बात हम सब बहुत बार ,बार बार सुनते पढ़ते रहे हैं और इन चार शब्दों से अपने गंदे सच को बाहर आता देख कांग्रेस बुरी तरह बौखला कर बिलबिलाती है। मगर यही वो लोग हैं जिन्होंने 26/11 को पाकिस्तानी इस्लामिक और मुस्लिम आतंकयों द्वारा मुंबई में आतंकी हमला करके सैकड़ों लोगों को मार देने का षड्यंत्र रचने का सारा दोष हिन्दुओं पर ही मढ़ दिया था। 

दिग्विजय सिंह , सुशील कुमार शिंदे जैसे कांग्रेस के नेताओ ने तो इस धारणा को और मजबूत करने के लिए उन आतंकवादियों के हाथ में कलावा बंधे हुए भेज के पाकिस्तान ने भी इनका साथ दिया ।परन्तु एक जिन्दा इस्लामिक आतंकवादी अजमल कसाब पकड़ा गया और कांग्रेस की सारी थियोरी धरी की धरी रह गई

जिन आतंकियों को पूरी दुनिया जान पहचान गई , उनकी करतूतें और अपराध से लगातार आज तक बार बार घायल होती रही है उन अपराधियों के हरे काले बुर्कों को आतंक का पर्याय जानते हुए भी कांग्रेसियों ने उस पर जबरन भगवा रंग को थोप कर हिन्दुओं और सनातन को बदनाम करने का षड्यंत्र रचा था।

56 देशों में अपनी अल्लाह हूँ अकबर की सरकार की शूअर भभकी देने वाले ये मुग़ल आज तक कभी भी सामने आकर लड़ने भिड़ने की हिम्मत नहीं करते , बुर्कों और दाढ़ी का नकाब हिजाब ओढ़े हमेशा ही कायराना हरकतें और अपराध करते हैं जिन्हें , धरती और भारत माँ के ऐसे सपूत अपनी जान देकर असफल कर देते हैं। हिन्दुस्तान और दुनिया में जब तक ऐसे रण बाँकुरे अपनी चट्टान जैसे जिगरे के साथ इनके सामने डटे हुए हैं तब तक दुनिया पूरी तरह से सुरक्षित है और रहेगी।

आज देश के सपूतों को नमन करके उनके प्रति कृतज्ञ होने का दिन है। आज पाकिस्तान की जलालत और कुकर्मों पर लानत भेजने का दिन है। आज दोहरे चरित्र वाले कांग्रेसियों की असलियत ,उन्हीं के सामने लाकर उन्हें शर्मिन्दा करने का दिन है और आज उस घाव के निशान देख कर उसे याद रखने का दिन है जो पडोसी शत्रु पाकिस्तान ने भारत के सीने पर लगाया था।

 


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