बिहार चुनाव 2020


 लोकतंत्र मतलब जनता का जनता के लिए जनता के द्वारा चलाया जाने वाला शासन सिर्फ किताबो में पढ़ने और सुनने में ही अच्छा लगता है । जमीनी हकीकत से कोसो दूर हर बार की तरह इस बार फ़िर बिहार में 5 साल के कार्यकाल के लिए रणभेरी और उसका शंखनाद बज चुका है फर्क सिर्फ इतना है कि 2020 में ये चुनाव हो रहा है । जी हां 2020 और कोरोना काल दोनों ही एकदूसरे के पर्यायी बन गए है , उसी कोरोना काल में बिहार में हो रहे है विधानसभा चुनाव। यहाँ मुख्य चुनावी पार्टिया है भाजपा + जनता दल यूनाइटेड+ हम नीत एनडीए और सामने है राष्ट्रिय जनता दल + कांग्रेस नीत महागठबंधन । बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में बिहार की 243 सीटों के लिए  को हुई मतगणना में बिहार की जनता ने एक बार नीतीश कुमार पर भरोसा जताया था। नीतीश नीत महागठबंधन ने तमाम एक्जिट पोल और अटकलों को झुठलाते हुए 178 सीटों पर सफलता हासिल कर राज्य में एक बार फिर अपनी सत्ता कायम की थी। लालू यादव ने भी ऐलान कर दिया था कि राज्य की बागडोर नीतीश कुमार ही संभालेंगे।  फ़िर कुछ समय बाद महागठबन्धन से नितीश कुमार ने अपने आप को अलग करके एनडीए सरकार के साथ मिलकर खुद की सरकार बनाकर सभी को अचंभित कर दिया। 

बिहार 2020 चुनाव  28 अक्टूबर को प्रथम चरण में 16 जिलों की 71 सीटों के लिए मतदान हो रहा है । 3 नवंबर को दूसरे और 7 नवंबर को तीसरे और आखिरी चरण का मतदान कराया जाएगा। 10 नवंबर को वोटों की गिनती होगी।

इस बार देखना दिलचस्प होगा कि बिहार पर किसका होगा राज और कौन करेगा बिहार का सुशासन और किसके हाथों में हमेशा की तरह आएगा बाबाजी का ठुल्लू । 

ये बिहार की जनता है इसने मन बना लिया है किसको इस बार मत दिया जायेगा  । 

खैर इन सब से परे एक आकलन और या युह कहूँ कि मेरा मत है कि मोदी जी की डबल इंजन वाली एनडीए नीत नितीश कुमार को 243 में से 150 के आसपास सीट मिलने की सम्भावना है । वही लालू यादव और सोनिया गांधी की सेना 70 से 80 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी गठबंधन रहेगा । 5 से 7 चिराग पासवान की पार्टी को और 1 से 10 निर्दलीय और अन्य को सीटे मिलेगी।  

बाकि देखते है इस बार बिहार में का बा 


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