लॉकडाउन अनलॉकडाउन

लॉकडाऊन अनलॉक के बीच पेंडुलम बन गई है जिंदगी।
पहले अचानक लॉकडाउन, फिर उसे चार बार बढ़ाना, फिर उसमें ढील। जब देश में लगभग 500 केस थे कोरोना के तब लॉकडाउन पूरे देश में लगा था जो लगभग 4 लाख केस आने तक रहा 
फिर अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई ...! 
लोगो को सरकारे समझा सकती है घर में बांध के नही रख सकती ...!
लोगो को समझना पड़ेगा फेस मास्क, सोशिअल डिस्टेंसिंग और हाथ धोना कितना जरुरी है । 
कोरोना वैक्सीन तो दूर की कौड़ी नजर आ रही है । समय बीत रहा है केस दोगुनी रफ़्तार से बढ़ रहे है ..! 
रिकवरी रेट अच्छी है पर मृत्यु भी हो रही है 
आज रोज के 500 + औसत  मौत हो रही है भारत में ।
तेजी से बढ़ते संक्रमण के कारण दोबारा पहले के मुकाबले सख्ती से लॉकडाउन। 
जीवन अब बिखरने लगा है। नौकरी कमाई तो दूर की बात है, सामान्य जीवन जीना भी मुश्किल होता जा रहा है।
प्रधानमंत्री द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना हो या गैस सिलेंडर 3 महीने तक देना हो ...! सब उनके लिए हो रहा है जो गरीब है ये एक स्वागत योग्य कदम है और सराहनीय भी ..! पर बार बार लॉकडाउन और अनलॉक डाउन की प्रक्रिया ने देश में मध्यम वर्ग के परिवार की कमर तोड़ के रख दी है ...!
20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज जो दिया गया है वो कहाँ तक मध्यम वर्ग के लिए काम आ  रहा है  क्यों देश की सरकार मध्यम वर्ग के परिवार के बारे में नही सोच पा रही है ?? 
केंद्र सरकार को अब हस्तेक्षप करके बिगड़ती व्यवस्थाओं को सँभालना चाहिए ..! जो बन पड़े करना चाहिय वरना वो दिन दूर नही जब मध्यम वर्ग और टैक्स पेयर परिवार भी अपने हाथ ऊपर कर देंगे ...। 
शिक्षा को लेकर असमंजस्य  की स्थिति भयावह और बच्चों के भविष्य के लिए खतरा भी है । अभी वो समय है जब बच्चों को इन सब से दूर रखने के लिए जो बन पड़ता है करना चाहिए 
चाहे वो नो एग्जाम फॉर दिस ईयर हो या हो नो स्टडी ईयर ...! 
देश के भविष्य के अभिभावकों की नजऱ अभी मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर ही है । अभी ठोस और कड़े निर्णय लेने की आवश्यकता है ...! 
सभी नागरिकों को अभी आत्मनिर्भर भारत बनाने के मुहीम में लग जाना चाहिए .. रोजगार के अवसर भी इन्ही रास्तों से निकलेंगे और देश मुस्कुरा के कहेगा फ़िर से मुस्कुरायेगा इण्डिया ..। 
कोरोना ने डॉक्टर्स , पुलिस से लेकर पूरे सरकारी तंत्र को अपाहिज बना दिया है।
अब WHO ने ताजा बयान जारी कर कहा है कि करोना संक्रमण हवा से भी होता है। और ये बेहद डरावनी बात है।
इसका मतलब साफ है हम सभी और हमारे परिवार को आज नहीं तो कल कोरोना की नरक यातना को भोगना होगा।
WHO के पिछले बयानों की विश्वसनीयता को देखते हुए उसके इस नए बयान पे यकीन करना बेहद मुश्किल है। वैसे भी, अगर corona संक्रमण हवा से भी होता तो अब तक भारत में करोड़ों केसेस हो जाते। वैसे तो सरकार कम्युनिटी ट्रान्समिशन से भी इंकार कर रही है जबकि ये अप्रैल माह से ही हो रहा है। WHO को दोषी ठहराकर कोरोना रुकने से तो रहा नहीं। इसलिए हमें सजग होकर स्वयं को कोरोना से बचाना होगा। 
सरकारे अस्पताल प्रशासन और लोग बिल्कुल भी फ्रेंडली नहीं है, प्राइवेट अस्पताल लूट लेते है और सरकारी अस्पतालों में बहुत कुछ झटके खाने के बाद बेड मुहैया होते है। पूरा परिवार क्वारंटाईन हो जाता है वो अलग। 
कुछ सरकारे लगी हुई है क्रेडिट लेने में चाहे वो कोरोना अस्पताल के नाम पे हो या हो बच्चों के एग्जाम के नाम पे ..! दिल्ली से लेकर राजस्थान की सत्ता पर काबिज लोग सिर्फ अपनी तारीफें सुनने के लिए सत्ता पर काबिज है । अभी भी वक्त है क्रेडिट से ज्यादा काम पर ध्यान देना चाहिए । क्रेडिट जनता आपको स्वयं दे देगी ..! 
जैसा आप आपकी जनता के साथ बर्ताव करोगे वैसा ही आपको वापस भी मिलेगा क्योंकि अब सब याद रखा जायेगा ।
दिनांक 10 जुलाई तक देश में 8लाख+ कोरोना केस और इस मामले में भारत दुनिया में तीसरे नम्बर पे काबिज है और जिस रफ्तार से हम बढ़ रहे है लगता है भारत 3 अगस्त तक दूसरे और 16 सितम्बर तक पहले नम्बर पर आ जायेगा ।
मौते और भी भयावह है । देश को सम्भलना पड़ेगा ।जनता को समझना पड़ेगा । लॉक अनलॉक चलता रहेगा मगर जिंदगी में एक बार लॉक हो गए तो अनलॉक न हो पाएंगे कभी .....

और कितना अजीब हो जाएगा ये शहर 
मैं किसी से... कोई मुझसे पूछ रहा है..!

🥺











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