कोरोना और निजी अस्पताल
कोरोना या वुहान वायरस अब नाम इतना सुन चुके है कि लगता है कि अब ये हमारे जिंदगी का एक हिस्सा बन गया हो । जब भारत देश में 31 जनवरी को पहला केस दर्ज हुआ था तब से आज 15 जुलाई तक देश ने 9 लाख 65 हजार तक का आँकड़ा पार कर लिया। इसी बीच में लगभग 25 हजार भारतीयों ने इस वुहान वायरस से दम तोड़ लिया है । चीन अपने काम में सफल रहा ।क्या तो आज अमेरिका क्या भारत सब जगह चीनी वुहान वायरस का बहुत बड़ा प्रभाव हर नागरिक के जीवन उनके रहन सहन उनके आर्थिक स्थिति पर पड़ा है । परन्तु इन सब से ऊपर भारत में लॉक डाउन में की गई सरकारी तैयारियों के कारण जो मृत्यु दर 3 से कम है वो ख़ुशी की बात है । कोरोना वॉरियर्स को सलाम है ..। देश हर उस वॉरियर्स का सदैव ऋणी रहेगा जिसने अपने जान की परवाह न करते हुए हरदम देश के हर उस नागरिक के साथ खड़ा रहा जो कोरोना के खिलाफ शारीरिक हो या हो मानसिक लड़ाई लड़ रहा है । कोरोना वॉरियर्स उसमें अग्रणी भूमिका में रहा । परन्तु इन सब से परे एक बात जो ध्यान देने योग्य है वो है निजी अस्पताल में कोरोना से मौत का आंकड़ा और उसके बाद किया गया उनका अंतिम संस्कार। सब शक को और गहरा करते है ...