कृषि विधेयक 2020 : मोदी का किसान हितकारी बिल
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आजादी के बाद हिंदुस्तान के कृषि विभाग में बड़ा बदलाव हो गया है, सरकार तीन कृषि विधेयकों को कृषि के सुधार में अहम कदम बता रही है तो किसान संगठन जिसमे से आधे से ज्यादा कांग्रेस प्रेरित और खालिस्तान समर्थक संगठन जुड़ गए वो और विपक्ष इसके खिलाफ हैं। सड़क और सोशल मीडिया में किसान कम कांग्रेस वामपंथियों ने किसानों की आवाज दबाकर खुद की आवाज़ बुलंद किए हैं वही बिल पास होने के विरोध में एनडीए सरकार की सहयोगी पार्टी रही अकाली दल की नेता और केंद्रीय खाद्य संस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अपने जन्मदिन पर हिंदुस्तान के प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी ने कहा था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और सरकारी खरीद जारी रहेगी, कुछ शक्तियां किसानों को भ्रमित करने में लगी हैं लेकिन इसे किसानों का मुनाफा बढ़ेगा। साल 2022 तक किसानों की आमदनी बढ़ाने का वादा करने वाली केंद्र सरकार के इन विधेयकों का विरोध क्यों हो रहा है। क्यों किसानों को लग रहा है सरकार उनकी मंडियों को छीनकर कॉरपोरेट कंपनियों को देना चाहती है? क्यों किसानों को लगता है सरकार का ये कदम किस